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Showing posts from April, 2019

।।अब तुझे जानने लगा हूं।।

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।।अब तुझे जानने लगा हूं धीरे धीरे से ही सही,तुझे पहचानने लगा हूं आया तो था यहां तेरे दीदार को लेकिन धीरे धीरे तेरा हो जाने लगा हूं तुमको देखकर तुममे खो गया हूं बस तेरा ही तेरा मैं हो गया हूं तेरे नैनो की मधुशाला में डूबकर खुद को खुद से भूल गया हूं तुझमे किसी का अक्स मैं खोजता हूं धीरे धीरे तुझमे कुछ ढूढ़ता हूं तुझसे दिल की हजार बाते कहने को पल पल तुझको पुकारता हूं अब इतना समझने लगा हूं तुझे मैं दिल से चाहने लगा हूं दिल की सम्पूर्ण गहराई से अब तुझे जानने लगा हूं।।

तुम आज भी याद आते हो

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।।तुम आज भी याद आते हो जब भी सुबह सुबह बच्चों को कच्ची नीद से जगाया जाता है जबरजस्ती से ही उनको नहलाया जाता है फिर ढेर सारा तेल चुपड़कर उनके बाल चिपकाया जाता है फिर स्कूल वाली आसमानी नीली ड्रेस में उन्हें स्कूल पहुचाया जाता है,तब ए बचपन तुम याद आते हो जब बच्चों को प्रार्थना की लाइन में लगते देखता हूं उस लाइन में एक दूसरे की पैंट खीचते देखता हूं टीचर से शरारत पकड़े जाने पर उनका सहम जाना देखता हूं फिर टीचर द्वारा पिटाई से बच जाने पर आंखों आंखों में मुस्कुराना देखता हूं,तब ए बचपन तुम याद आते हो जब होमवर्क की कॉपी भूलकर मासूम बहाने बनाना देखता हूं सवाल का जबाब न याद आने पर दोस्त का बगल से सही जबाब फुसफुसाना देखता हूं हल्की हल्की बातो पर एक दूसरे से रुठ जाना -मान जाना देखता हूं जब बच्चों को टिफिन से चोरी चोरी क्लास के बीच मे ही खाते देखता हूं जब उनको अपने दोस्त के टिफिन से शरारत में ही खाना निकालते देखता हूं एक दोस्त के पैसे से खरीदी नीली पीली टाफियां खरीदकर सबको बाटकर खाते देखता हू,तब ए बचपन तुम याद आते हो छुट्टी वाली घंटी की तरफ शाम को बेसब्री से देखना देखता हूं घंट

निराशा को आशा में बदलिए :पॉजिटिव सोचिये

आज के दौर में खुद को इस तनाव भरे माहौल में पॉजिटिव ऊर्जा से भरपूर रखना कोई आसान काम नही है।अपने चारों तरफ नजर घुमाइए तो बहुत से लोग ऐसे मिल जाएंगे जो छोटी छोटी बातों को लेकर निराश हताश बैठे है । उन्हें जिंदगी में अपनी इस हताशा से बाहर निकलने का रास्ता ही नही दिखाई देता है। खुद को हताश होने में काफी हद तक हम खुद जिम्मेदार है और हमसे ज्यादा हमारे आसपास का माहौल ज़िम्मेदार है ऐसा मैं केवल कह नही रहा हूं उसके मेरे पास पर्याप्त कारण भी है। आप पहले अपना बचपन याद करिये जब आप छोटे होते थे आपको हार जीत जैसे चीजो से बेफिक्र थे तब कुछ लोग रात में आपको कुछ ऐसी बकवास बाते बताकर डरा देते थे वो डर हमारे मन मे इतना गहरा प्रभाव छोड़ती थी कि बचपन से किशोर होते होते मन के किसी न किसी कोने में वो रात वाला डर घर कर ही लेता था जो कि अब जाकर पता चला कि अंधेरे से डरने जैसा कुछ भी नही है फिर आप अपना स्कूल के दिन याद करिये तब लोग आपके मन मे पास फेल और नम्बर ,क्लास में स्थान लाने जैसी चीजों के बारे में तुलना करते है कि तुम कम नम्बर पा रहे हो तुम्हारा कुछ नही हो सकता ,तुम बेकार हो और यह ड्रामा केवल बड़े क्लासो म

क्योकि वो माँ है

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मैं आज भी देर से आया था ,घर और मोहल्ले में लगभग सब सो गए थे सुनसान गली में अगर कोई चल रहा था तो वह मैं था और साथ मे कोई थी तो मेरी परछाई,जो कभी साथ चलती तो कभी नही ,ऐसा इसलिए कि गली की हर स्ट्रीट लाइट जल नही रही थी,घर पर आज भी रोज की तरह कोई जाग रहा था तो वो मम्मी थी मेरी, जानता तो था कि वो मेरे इंतज़ार में ही जाग रही है जो कि उनकी उनीदी आंखों से पता चल रहा था,फिर भी मैने पूछा कि मम्मी सो गई होती अभी तक क्यो जाग रही हो,आज फिर मम्मी ने अपनी आंखों की नीद को छुपाते हुए बोली कि नही बेटा वो नीद ही नही आती अब तो इस उम्र में वैसे घर मे हर कोई होता है लेकिन इंतज़ार अगर किसी को सबसे ज्यादा होता है तो वो माँ को ही होता है

YOUTUBE की दुनिया

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आज के दौर में जब दुनिया की अधिकांश जनसंख्या इंटरनेट से जुड़ गई है। आज हर कोई किसी भी छोटी से छोटी जानकारी के लिए गूगल और यूट्यूब की शरण मे जाने में जरा भी नही हिचकता । यूट्यूब और गूगल आन जनमानस की जिंदगी में आकर उनके जीवन को आसान बनाने के साथ उनके जीवन का हिस्सा बन गए है इस तेजी से बदलते दौर में यूट्यूब लोगो के जीवन का अहम हिस्सा हो गया है । यूट्यूब ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा लोग पलक झपकते ही जिस भी बात को जानना चाहते है उसके बारे में तुरंत जानकारी मिल जाती है । आज कल लोग यूट्यूब को शौकिया और अपने कैरियर के रूप में भी चुन रहे है वह चाहे शिक्षा के क्षेत्र में हो मनोरंजन के क्षेत्र में या कुकिंग के क्षेत्र में लोग अपना कैरियर के रूप में चुन रहे है यूट्यूब को कैरियर बनाना आज कल हर युवा का शौक है।आज के वक्त में जब इंटरनेट डेटा इतना सस्ता है और लोगो की आसान पहुच हो गई है सोशल मीडिया तक तो लोगो के मन मे कभी न कभी यह सवाल जरूर आता है कि क्यो न हम भी यूट्यूब पर किसी न किसी रूप में आये यूट्यूब आज के समय मे इतने तेजी से बढ़ रहा है और लोग इसे कैरियर के तौर पर इसलिए भी ले रहे है कि एक

डॉ भीमराव आंबेडकर : कुछ खास बातें

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आज भारतीय इतिहास के एक महान नेता ,समाजसेवी, दलित,पिछड़ो और महिलाओं को बराबरी का हक दिलवाने वाले  डा आम्बेडकर की जयंती है। आम्बेडकर जी का पूरा जीवन संघर्षो से भरा पड़ा है उनके जीवन से हर किसी को अपने हक के लिए लड़ने की सीख मिलती है ,उन्होंने अपने जीवन मे जो सामाजिक छुआछूत वाली बीमारी का सामना किया था बाद में उन्होंने उसे समाज से खत्म करने की पूरी कोशिश की उन्होंने हमेशा लोगो से धर्म के बारे में कहा कि मैं  केवल वही धर्म को मानता हूं जो स्वतन्त्रता,समानता और भाईचारा को सिखाए और वर्तमान परिदृश्य को देखे तो हमे ऐसे ही धर्म की जरूरत है जिस तरह से लोग धार्मिक कट्टरता की तरफ बढ़कर एक दूसरे के दुश्मन बन रहे है तो हमे ऐसे ही धर्म की जरूरत है जो सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा दे और समाज मे अमन और शांति प्रदान करे आम्बेडकर जी ने कहा है कि हमे ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो मन की शांति बढ़े बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो,अगर हम देखे हमे शिक्षा की जरूरत इसी के लिए ही है अगर चरित्र निमार्ण होगा बुद्धि का विकास होगा और हर इंसान अपने पैरों पर खड़ा होगा तो देश का विकास स्वतः

देखो तुम यू रूठा न करो

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।।देखो तुम यू रूठा न करो मुझसे नफरत झूठा न करो बस मुझको यू रिझाने खातिर देखो गुस्सा यू झूठा न करो। देखो तुम दिल यू ना तोड़ा करो कभी कभी मुझको देखा तो करो बस मुझको यू दिलासा देने के खातिर मुझसे मिलने यू आया तो करो। देखो तुम रात में ऑनलाइन आया तो करो मुझसे खुद के हाल सुनाया तो करो बस मुझसे हाल ए दिल कहने के खातिर देखो वाट्सअप चलाया तो करो। देखो तुम सुबह सुबह लेट आया न करो मुझसे इंतज़ार करवाया न करो बस मुझको यू चिढ़ाने खातिर देखो तुम औरो से बतियाया न करो। देखो मैं यू तुमको चाहता दिल से बहुत ही तुमको मानता हूं तुम भी कम से कम देखा तो करो देखो तुम यू रूठा न करो।।

BJP2014 में और BJP2019 में

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वर्तमान समय मे चारो तरफ बस एक ही माहौल छाया हुआ है वो है चुनाव बस केवल चुनाव,वर्तमान परिदृश्य पर निगाह फेरे तो हम क्या पाते है यही की राजनीतिक पार्टियां भले ही विश्व समुदाय से आगे निकलने की बात करती हो लेकिन चुनाव आते ही धीरे धीरे वो अपने पुराने रंग में वापस आ जाती है इसका आकलन आप इस बात से कर सकते है आप इस वक्त जब पार्टियों को जनता को अपना भविष्य का रोडमैप समझाना चाहिए तो वो लोग बस किसी तरह से जनता को धर्म ,जाति और राष्ट्र के नाम पर भटका रहे है वर्तमान सत्ता की जो पार्टी है उसका आप 2014 के भाषणों को सुने खासकर मोदी जी के तो आप पाएंगे कि तब इनके पास विजन था कि हम पुरानी सरकार से कुछ ज्यादा बेहतर करेंगे अब कितना बेहतर किये या नही किये यह आकलन आपको करना है यह मैं आप पर छोड़ रहा हूं,तब मोदी जी पुरानी सरकार पर दोष मढ़ने के साथ उदाहरण भी देते थे कि जो इन्होंने गलत किया उसे वो कैसे सही कर सकते है लेकिन फिर आता है2019 का चुनाव तब तक मोदी जी  पांच साल प्रधानमंत्री रह चुके है अब उन पर जनता को बताने के लिए केवल वादे और पुरानी सरकारों की नाकामियां नही है अब उनको आगे के विजन के साथ पांच साल

चुनावी साल :विपक्ष से सवाल

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चुनावी महासमर में लोग पूरी तरह से सराबोर हो गए है। नेता लोग वादों की घुट्टी पिला रहे है ,हर नेता खुद को सत्य और न्याय की मूर्ति बताने में लगा है और अपने विरोधी नेता और पार्टी को धूर्त और बेईमान साबित करने में पूरा जोर लगाए हुए है इसके पहले हम चुनाव में सत्ता पक्ष को वोट करने से पहले कौन से सवाल करे उस पर बात हो चुकी है तो आज हम बात विपक्ष की करते है कि आखिर उनसे क्या सवाल किए जाए वोट देने से पहले विपक्ष पार्टी सत्ता पक्ष पर सवाल दागती है ,सत्ता पार्टी के फैसले ,योजनाओ पर सवाल उठाती है जो कि जायज भी है कि अगर उनमे कुछ कमियां है तो उसे ध्यान में लाया जाए ,इस चुनाव में विपक्ष की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह जिन मुद्दों पर सत्तासीन सरकार को घेर रही है उससे खुद कैसे निपटेगी क्योकि सवाल उठना सबसे ही आसान काम है लेकिन सवाल का हल खोजना उतनी ही टेढ़ी खीर है वर्तमान में भारत की युवा पीढ़ी बेरोजगारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है इसके लिए वर्तमान में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी जो कि कांग्रेस है उसे यह बताना चाहिए कि इससे कैसे निजात दिलाएंगे और उनके पास ऐसा क्या है जो इस सरकार से अलग है आज वर्तम

देखो फिर चुनाव आया

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।।देखो फिर चुनाव है आया नेताओ को आपके द्वार है लाया नेता लाये भर भर के वादे जनता जाने इनके इरादे नेता आए हमे लुभाने वादों में फिर हमे फसाने पांच साल फिर न दिखने वाले वादे को फिर भूलने वाले हमको स्वर्ग का झांसा देंगे खुद को स्वर्ग की आशा देंगे नही फिर लौट के आने वाले जीतकर चुनाव जाने वाले हमारा  वोट लेकर जाने वाले हमी पर रौब जमाने वाले हम लेंगे पूरा हिसाब नेता जो आये हमारे द्वार हम न अब बहकने वाले अपने मुद्दे समझने वाले देंगे हम उसी को वोट जो करे देश के लोगो का सपोर्ट देखो फिर चुनाव है आया नेताओ को आपके द्वार है लाया।।

BJP के संकल्प पत्र में क्या कुछ खास

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चुनाव के मौसम की सरगर्मी को बढ़ाते हुए भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान सत्तासीन पार्टी BJP ने भी अपना घोषणा पत्र 'संकल्प पत्र' के नाम से जारी किया है।यदि वर्तमान दृश्य को देखा जाए तो हमारे देश की महत्वपूर्ण समस्या से ग्रस्त जो क्षेत्र है उनमें प्रमुख रूप से किसान ,शिक्षा,स्वास्थ्य,बेरोजगारी और स्वस्थ परिवेश आते है । स्वस्थ परिवेश भले ही अब तक मुद्दा न रहा हो लेकिन धीरे धीरे यह भी मुख्य मुद्दे में शामिल हो रहा है आज BJP ने अपना घोषणा पत्र जनता के सामने प्रकाशित किया है ,तो हम उनके मुख्य बातो पर बात कर लेते है 1.किसान- अगर हम देखे तो किसान इस चुनाव को प्रमुखता से सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहे है,भारत की एक बहुत ही बड़ी जनसंख्या किसान के रूप में देश मे निवास करते है तो जाहिर सी बात है हर कोई इन्हें लुभाना चाहेगा, पहली बात जो किसानों से की गई है वो यह है कि 2022 तक आय दुगुनी करेंगे तो यह तो पुराना ही वादा है इनका इस पर कायदे से ये यह बताये की पांच साल में कितना हुआ ,दूसरी बात किसान को सम्मान निधि देंगे इस पर तो कुछ कह नही सकते मिल जाये तो सहायता तो होगी लेकिन कही बाद में इसे भी जु

चुनावी साल: सत्ता पक्ष से सवाल

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चुनाव के साल में देखते देखते चुनाव की तारीख भी आ ही गयी । हर पार्टी के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक पूरे जोश में है,हर कोई अपने नेता को भगवान बनाने में तुला है,हर नेता पूरी कोशिश में है कि जनता को कैसे अपने पक्ष ने लाया जाए,उसके लिए उनसे जो भी हो सकता है कर ही रहे है कागज के नाव पानी मे बहाए जा रहे है। तो भइया हम है जनता ,और जनता के नाते हमारा भी कुछ हक और जिम्मेदारियां है ,हमे उसे पूरी ईमानदारी से निभाना पड़ेगा क्योंकि हमें मौका पांच साल में एक ही बार मिलता है,तो आज हम वर्तमान सत्ता पक्ष को वोट करने से पहले क्या देखे आज हालात ज्यादातर सत्तापक्ष के लोगो का यह है कि वो आज भी या तो विपक्ष को कोस रहे है या समाज को बांटने में लगे है ,जबकि जिम्मेदारी उनकी यह है कि वो इन बातों पर अब चुनाव लड़े की 2014 में उन्होंने क्या वादे किए थे उनमें कितना हासिल हुआ वह जनता को बताए न कि इसमें लगे रहे कि उनका हर काम नेहरू जी ही रोक रहे है आरोप प्रत्यारोप तो राजनीति में होगा ही बात जायज है अगर अब भी राजनीतिक स्वरूप नही बदला तो कब बदलेगा ,क्या हम इसी में फसे रहेंगे की कांग्रेस ने गलत किया तो bjp भी करेगी

चुनावी माहौल: कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या कुछ खास

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आज देश की दो बड़ी पार्टियों में से एक कांग्रेस का घोषणा पत्र "हम निभाएंगे" के टैग लाइन के साथ जारी हुआ। इस घोषणा पत्र में काफी कुछ व्यवहारिक बाते भी है और जरूरी बातें भी है ।इसे पढ़कर ऐसा महसूस होता है कि राहुल गांधी मजबूरी में या वो समझ गए है कि राजनीति का मुद्दा अब बदलना ही होगा।खैर कारण जो भी हो लेकिन इस घोषणा पत्र में किसानों की बात की गई ,युवाओ की बात की गई,बेरोजगारी की बात की गई,स्वास्थ्य की बात की गई ,और देखे तो जनता का मूलरूप से समस्या इन्ही क्षेत्रो में है तो आइए कुछ प्रमुख मुद्दों पर बात कर ही लिया जाए पहला जो बात मुझे खास लगी वो यह कि इन्होंने किसान के लिए अलग बजट की बात की है जो कि आज के हताश ,परेशान किसानों के लिए जरूरी भी है। किसानों को जरूरत है कि वो सरकारों के मुद्दों के केंद्र में है और उनपर विशेष काम करने की जरूरत है जिससे किसान न खेती छोड़े और न ही आत्महत्या करे, किसानों के कर्ज न चुका पाने की स्थिति में उनपर आपराधिक केस नही दर्ज होंगे जो कि बहुत ही बेहतरीन कदम है क्योंकि केस दर्ज करने के नाम पर कर्जदार किसानों का बहुत शोषण होता है दूसरी बात जो बेहद जर

जरा अपने सांसद से पूछिये 25 करोड़ का क्या किया?

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चुनाव का महीना चल रहा है । सब तरफ चुनावी सरगर्मी जोरो पर है । सब पार्टी नेता एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त है और हमारे लिए छोड़ते है बस फालतू की बहस हम है भइया जनता और हम हर साल अपने क्षेत्र से चुनते है एक सांसद वो इसलिए कि इनको हम चुनेंगे तो ये हमारे हित के लिए संसद में आवाज उठाएंगे और अपने सांसद निधि का हमारे क्षेत्र में खर्च करके क्षेत्र की समस्याओं से मुक्ति दिलाएंगे और वास्तव में होता क्या है कि साँसद जी जीतते है और आपको भूल जाते है ,लेते है एक बड़ी वाली गाड़ी और दो चार चमचे और निकल लेते है दिल्ली ,जो नेता जी आपको स्वर्ग का सपना दिखाए थे वो तो अब सपने में भी नही आते वो करते फिर अपने लिए स्वर्ग का जुगाड़,क्योकि कर तो वैसे भी कुछ नही सकते उनका पांच साल तो भइया अब आया है मौका जो सांसद जी पिछली बार आपके यहाँ से जीत कर गए थे वो दुबारा आ गए होंगे आपके बीच तो लगे हाथ आप अपने क्षेत्र के सांसद निधि का आपके सांसद महोदय ने क्या किया जरा पूछ लीजिये ,क्योकि जो 25 करोड़ मिला था उनको वो उनके लिए नही था वो आपके क्षेत्र के स्कूल ,कॉलेज,यूनिवर्सिटी ,सड़क ,यातायात ,अस्पताल,खतरन

चुनाव2019: हिन्दू -मुस्लिम मुद्दा फिर से

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आज महाराष्ट्र में अपने आदरणीय मोदी जी ने फिर से अपने प्रिय मुद्दे हिंदू मुस्लिम पर आ ही गये । उन्होंने बताया कि जहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे है वहा पर हिंदू अल्पसंख्यक है इस तरह से मोदी जी फिर से हिंदू हिंदू करके हिंदू भावनाओ को अपनी तरफ मोड़ना चाहते है ,अब शुरू कर दिए है तो अब धीरे धीरे देश के चुनावी माहौल में हिन्दू और मुस्लिम का रंग घोलना शुरू कर ही देंगे । बात इतनी सी है यदि पूरा देश एक है और पूरे देश का एक ही संविधान एक है उसमें है कि देश धर्म निरपेक्ष है तो ऐसी बाते करना कहा से शोभा देता है कि यहां हिंदू कम है यहां मुस्लिम ज्यादा है इनका सीधा सा फंडा है कि किसी तरह से डर का माहौल बनाया जाए देश को बाटकर वोट लिया जाए। आदरणीय मोदी जी आपने तो सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था तो अब यह बात कहा से कर रहे है यहां हिन्दू अल्पसंख्यक है विपक्ष धीरे धीरे ही सही जनता के वाजिब मुद्दे बेरोजगारी ,गरीबी ,अशिक्षा और अन्य मुद्दों पर बात करती दिख रही है । लेकिन तब तक सत्ता पार्टी लेकर आ गयी अपना पुराना हथियार, भाई साहब है सीधी सी बात अब तो आप भी पांच साल सरकार चला ही लिए है तो बेहतर ह