।।अब तुझे जानने लगा हूं।।
।।अब तुझे जानने लगा हूं धीरे धीरे से ही सही,तुझे पहचानने लगा हूं आया तो था यहां तेरे दीदार को लेकिन धीरे धीरे तेरा हो जाने लगा हूं तुमको देखकर तुममे खो गया हूं बस तेरा ही तेरा मैं हो गया हूं तेरे नैनो की मधुशाला में डूबकर खुद को खुद से भूल गया हूं तुझमे किसी का अक्स मैं खोजता हूं धीरे धीरे तुझमे कुछ ढूढ़ता हूं तुझसे दिल की हजार बाते कहने को पल पल तुझको पुकारता हूं अब इतना समझने लगा हूं तुझे मैं दिल से चाहने लगा हूं दिल की सम्पूर्ण गहराई से अब तुझे जानने लगा हूं।।