मैं और मेरी फिटनेस
अगर कहू की मैं आलसी इंसान हूं । लोग आलसी होते है मैं बहुत ही बड़ा वाला हूं।शरीर अदरक जैसा कही से भी बढ़ रहा है लेकिन मुझे फर्क नही पड़ रहा है कि मैं क्यो बढ़ रहा हूं कही से भी मेरे फिट न होने की वजह है जो कि मुझे भलीभांति पता है फिर भी खुद को फिट होने के लिए कुछ करने के बजाय मेरे पास खुद को सही साबित करने के हजारों बहाने है उसमे पहला जो सबसे बड़ा है वह है मैं चीजो को टालने में बड़ा विश्वास करता हूं । कभी कभी लगता है यार सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए लोग कहते भी है कि सुबह उठने से आधा रोग यू ही कट जाता है ।यह बात मुझे बचपन से बताई जा रही है लेकिन मजाल है कि मैं की मैं कभी इस पर अमल कर लू मुझे लगता है ली यह फालतू है क्योंकि रोग तक पता नही लेकिन सुबह ही तो हमे नीद आती है वो भी शानदार वाली, जिसे miss तो हम कर नही सकते कोई और रास्ता हो तो बताओ दूसरी बात आती है जिम जाने की ।तो भाईसाहब मैं बता दू की जिम जाने के लिए चाहिए इच्छाशक्ति जो कि अपनी है बहुत ही कमजोर। सबसे बड़ी बात होती है जब जिम जाने की तो वैसे तो अपना दिमाग काम करना नही चाहता लेकिन इस बात पर वो भी चल जाता है तब अपने पास जिम को