आप भारतीय नागरिक पहले है,वोटर बाद में
भारतीय चुनाव आयोग ने चुनाव के तिथि की घोषणा कर दी है।इसी के साथ हर भारतीय नागरिक को अपना अगला पांच साल कैसे बिताना है इसकी जिम्मेदारी हम सभी को सौप दी है । एक नागरिक के तौर पर हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने देश ,समाज और अपने आने वाले कल के लिए वोट करे।
चुनावी तिथि आने के साथ ही शुरू होता है राजनीतिक पार्टियों का आपको लोक लुभावन सपने दिखाने का दौर।नेता लोग फिर आपको लपेटने के लिए तैयार होंगे आपको स्वर्ग के सपने दिखाए जाएंगे।आपको मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा धर्म के नाम पर आपसे खेला जाएगा।अपने द्वारा किये गये काम बताने के अलावा ये सब कुछ करेंगे। आपके लिए ये नेता सब कुछ करेंगे लेकिन कब तक ,जब तक कि आप वोट उन्हें नही दे देते।जैसे ही वोट हुआ नेता जी पहुचे सीधे दिल्ली फिर नेता जी कहेंगे आप कौन
अबकी चाहे जो हो जाये आपको धर्म जाति ऊंच नीच पर नही पिघलना है।और वादों में नही फसना है ।आपको सवाल करना है कि जो वादे आप कर रहे है उसे पूरा कैसे करेंगे
सवाल पूछना आपका नागरिक धर्म ,केवल वोटर बनकर न रहिये, नही तो चुनाव केवल दो ही चरण में होंगे
पहला-नेता आपके चरण में
दूसरा-आप नेता के चरणों मे पूरे पांच साल के लिए
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